अध्याय १० – श्लोक २५

अध्याय १० – श्लोक २५

 

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TheGita – Chapter 10 – Shloka 25

Shloka 25

I am Bhrigu among great seers and of words I am OM, the word of eternity. Of prayers I am the prayer of silence; and of things that move not I am the Himalayas.

मै महर्षियों में भृगु और शब्दों में एक अक्षर अर्थात् ओंकार हूँ ।  सब प्रकार से यज्ञों में जप यज्ञ और स्थिर रहने वालों में हिमालय पहाड़ हूँ ।। २५ ।।

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